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Thursday, October 1, 2020
कलयुगी पिता... बेटे की चाहत में पांच दिन की मासूम बच्ची को टांग के नीचे दबाकर मार डाला
मिशन एडमिशन:
भिवानी
काॅलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आज ऑनलाइन जारी की जाएगी पहली मेरिट लिस्ट
काॅलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया खत्म होने के बाद आज पहली लिस्ट ऑनलाइन ही जारी की जाएगी। पहली मेरिट में स्थान पाने वाले विद्यार्थी पांच अक्टूबर तक फीस जमा करा सकेंगे। फीस भी ऑनलाइन ही जमा होगी।
काॅलेजों में दाखिले से संबंधित किसी भी विद्यार्थी को आने की आवश्यकता नहीं है। बता दें कि डीएचई की ओर से इस बार यूजी कक्षाओं में दाखिले के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ही रखा गया है। फीस प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन है। दाखिले के लिए इस बार पिछली साल वाली ही फीस रखी गई है। मेरिट में नाम आने पर यदि समय पर फीस जमा नहीं कराई तो आवेदक का नाम ऑटोमेटिक कट जाएगा। विद्यार्थी अगर दोनों मेरिट लिस्ट में किसी कारणवश फीस जमा कराने से वंचित रह गया तो उसे ओपन काउंसलिंग में भाग लेने का मौका दिया जाएगा।
8 को दूसरी लिस्ट लगेगी
काॅलेज में ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जो आवेदन आए थे, उनके सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। गुरुवार को विभाग की ओर से पहली ऑनलाइन मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इसके तहत विद्यार्थी पांच अक्टूबर तक अपनी फीस जमा कर दाखिला ले सकते हैं। वहीं आठ अक्टूबर को दूसरी मेरिट लिस्ट को जारी किया जाएगा। -डॉ. रेखा, नोडल अफसर, राजीव गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय, भिवानी।
कुपोषण से जंग:पोषण माह में 2.48 करोड़ रजिस्ट्रेशन के साथ देश में 10वें नंबर पर पहुंचा हरियाणा, प्रदेश में रोहतक पहले और भिवानी दूसरे स्थान पर
कुपोषण से जंग:पोषण माह में 2.48 करोड़ रजिस्ट्रेशन के साथ देश में 10वें नंबर पर पहुंचा हरियाणा, प्रदेश में रोहतक पहले और भिवानी दूसरे स्थान पर
- सरकार ने सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया, ताकि बच्चे व गर्भवतियां रहें स्वस्थ
(ज्योति अरोड़) देशभर में सितंबर को पोषण माह के रूप मनाया जा रहा है, ताकि बच्चों में कुपोषण, गर्भवतियों व किशोरियों में खून की कमी को दूर किया जा सके। जन आंदोलन पोर्टल पर हरियाणा 10वें स्थान पर है, जबकि पहले नंबर पर तमिलनाडु, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र तो तीसरे स्थान पर यूपी है। हरियाणा में अब तक कुल 2,48,26,586 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। हिसार नौवें से 11वें स्थान पर आ गया है। वहीं, रोहतक प्रथम व भिवानी दूसरा स्थान पर है। रोहतक, भिवानी व सोनीपत को पछाड़कर तीसरे से पहले स्थान पर आया।
आंगनबाड़ियों में किचन गार्डनिंग
आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू की किचन गार्डनिंग स्कीम से घरों व आंगनबाड़ी में हरी पत्तेदार सब्जियां व फल उगाए जा रहे हैं। जिससे बच्चों को स्वच्छ व पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा सके। इसके साथ-साथ इस माह में गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया व इसे होने वाली कमियों के बारे में बताया जा रहा है।
आंगनबाड़ी वर्करों की हो रही स्पर्धा
कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का वजन व लंबाई ली जा रही है। इसके साथ ही पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर नई रैसिपी इजाद की जा रही है। जिसके लिए आंगनबाड़ी वर्करों की प्रतियोगिता भी करवाई जा रही है।
अब महिलाएं भी ले रही बढ़चढ़ कर भाग
पिछले कुछ समय में इस अभियान से बदलाव देखने को मिला है। बेटी के जन्म पर कुंआ पूजन धूमधाम से किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं की गोदभराई के वक्त उन्हें पोष्टिक आहार दिया जा रहा है। अब महिलाएं बेटा बेटी एक समान व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ ले रही हैं।
कुरुक्षेत्र, जींद और मेवात येलो में, हिसार, पानीपत व झज्जर ब्लू जोन में
एक्टीविटी के मामले में जहां जींद, कुरुक्षेत्र व मेवात येलो जोन में है, वहीं अब हिसार ब्लू जोन में है। पानीपत व झज्जर के आंकड़ों में भी गिरावट के चलते जिले दो हफ्ते में ग्रीन से ब्लू जोन में आ गए है। इसमें सबसे अच्छे आंकड़ों वाले जिले ग्रीन जोन में है तो एवरेज वाले ब्लू जोन में। वही येलो जोन में एवरेज से कम वाले जिले हैं।
हिसार में बढ़ाई जाएगी एक्टिविटी
कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं की मीटिंग ली जाएगी और 0 से 6 माह के बच्चों के लिए स्तनपान को बढ़ावा दिया जाएगा। कोरोना के चलते अधिक गैदरिंग नहीं की जा रही जिससे एक्टिविटी भी कम हो गई है। परंतु अब फिर से एक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा। -कमलेश मखीजा, सीडीपीओ, हिसार।
पंचायती राज में आरक्षण मामले लंबित रखने के आदेश सरकार का बड़ा फैसला:महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के फैसले के चलते सीटों का आरक्षण रोका
सरकार का बड़ा फैसला:महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के फैसले के चलते सीटों का आरक्षण रोका
अगले साल फरवरी में प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं जिला परिषदों, पंचायत समितियों व ग्राम पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का मन सरकार ने पूरी तरह से बना लिया है। कैबिनेट सैद्धांतिक तौर पर इस बारे में निर्णय भी कर चुकी है। विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव ने पंचायती राज संस्थाओं में सीटों के आरक्षण से जुड़े मामले लंबित रखने के आदेश दिए हैं।
इस संदर्भ में प्रधान सचिव द्वारा सभी डीसी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को कहा गया है कि वे आगामी आदेशों तक आरक्षण के मामलों को लंबित रखें। दरअसल, वर्तमान में पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हैं। पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सीटें रिजर्व की हुई हैं।
कौन सी सीट सामान्य रहेगी और कौन सी रिजर्व कैटेगरी में आएगी, इसका फैसला हर साल ड्रा के माध्यम से किया जाता है। अब चूंकि पंचायतों के चुनावों में अधिक समय नहीं है। ऐसे में ग्राउंड स्तर पर यह काम शुरू हो गया था। इस बीच राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। ऐसी स्थिति में अब सीटों को भी इसी आधार पर आरक्षित किया जाएगा। इसलिए आरक्षण के मामलों को फिलहाल लंबित किया गया है।
कृषि अध्यादेशों के विरोध में कांग्रेस की तैयारी:राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा में निकालेंगे ट्रैक्टर रैली, गृह मंत्री विज बोले- राज्य में नहीं घुसने देंगे, खुद सुनेंगे प्रदेश के किसानों की समस्या
कृषि अध्यादेशों के विरोध में कांग्रेस की तैयारी:राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा में निकालेंगे ट्रैक्टर रैली, गृह मंत्री विज बोले- राज्य में नहीं घुसने देंगे, खुद सुनेंगे प्रदेश के किसानों की समस्या
- कांग्रेस पंजाब से शुरू करेंगे यात्रा, पेहवा या कैथल से है प्रदेश में प्रवेश करने की योजना
- गृह मंत्री बोले-प्रदेश का माहौल खराब नहीं होने देंगे
कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों के खिलाफ देश में सबसे ज्यादा पंजाब-हरियाणा में हो रहे किसान आंदोलन में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी उतरेंगे। वे अगले दो-तीन दिन में पंजाब से अपनी ट्रैक्टर यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा पंजाब से हरियाणा में घूमेगी। वे पंजाब से ट्रैक्टर पर कैथल या कुरुक्षेत्र के पेहवा इलाके से हरियाणा में प्रवेश कर सकते हैं। उनकी यात्रा को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने बैठक कर पूरी प्लानिंग भी की है।
लेकिन सूबे के गृह मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी की यात्रा को हरियाणा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इससे यहां माहौल खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि राहुल गाधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी हाथ में पेट्रोल की कैनी लेकर घर से निकलते हैं। जहां भी धुआं दिखाई देता है, वहां आग लगा देते हैं।
उनकी यात्रा से हरियाणा में मौहाल बिगड़ सकता है। इसलिए यात्रा को हरियाणा में नहीं आने दिया जाएगा। हरियाणा के किसान की समस्या हम ही सुनेंगे। उनके नाम पर किसी को राजनीति नहीं करने देंगे। राहुल की यात्रा को हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक दिया जाएगा। किसी भी सूरत में प्रदेश की स्थिति खराब नहीं होने देंगे। पहले भी पंजाब शासन प्रयोजित ट्रैक्टर और बाइक रैली को रोका गया था।
कांग्रेस ने बनाई आंदोलन की रणनीति
केंद्र सरकार के तीनों अध्यादेशों के खिलाफ कांग्रेस किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए अब आंदोलन तेज करेगी। इसे लेकर दिल्ली में हुई बैठक में पूरी प्लानिंग बनाई गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बताया कि अगले दो से तीन दिन में राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा का दौरा करेंगे। इस दौरान वो ट्रैक्टर पर पंजाब से हरियाणा में प्रवेश कर सकते हैं। गांधी के दौरे के अलावा 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर प्रदेश के हर विधानसभा स्तर पर प्रस्तावित आंदोलन पर भी चर्चा की गई।
धान खरीदी मामला:मिलर्स की मांगों पर बनी सहमति, आढ़ती अड़े तो सरकार सीधे करेगी धान खरीद, सीएम के साथ वार्ता में मिलिंग चार्ज 10 से बढ़ा 25 रुपए करने का फैसला
धान खरीदी मामला:मिलर्स की मांगों पर बनी सहमति, आढ़ती अड़े तो सरकार सीधे करेगी धान खरीद, सीएम के साथ वार्ता में मिलिंग चार्ज 10 से बढ़ा 25 रुपए करने का फैसला
- मंडी का गेट जबरदस्ती बंद करने वालों पर पुलिस करेगी कार्रवाई
- अब आज से धान उठान के साथ खरीद में तेजी आने की संभावना
प्रदेश में धान खरीद 4 दिन बाद बुधवार को भी तेजी नहीं पकड़ पाई। दिनभर आढ़ती, मिलर्स व किसान अपनी-अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन-धरने व रोड जाम करते रहे। शाम को सीएम मनोहर लाल ने चावल मिलर्स के साथ वार्ता की। इसमें मिलर्स का मिलिंग चार्जेज 10 रु. से बढ़ाकर 25 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया गया है।
हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन ज्वैल सिंगला ने कहा कि सीएम के साथ वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बनी है। किसानों को किसी सूरत में परेशान नहीं होने दिया जाएगा। अब गुरुवार से धान उठान के साथ खरीद में तेजी आने की संभावना है। उधर, आढ़ती अब भी मांगों पर अड़े हैं। ऐसे में सरकार किसानों से सीधे खरीद करने की भी तैयारी कर रही है। आढ़ती खरीद नहीं करते तो किसान मार्केट कमेटी अधिकारियों को कह सकते हैं कि धान सीधे खरीदा जाए। इसकी पेमेंट सीधे किसान के खाते में होगी। मंडी गेट जबरदस्ती बंद करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
उठान ठेकेदार ही करेंगे
धान से मंडियों का उठान ठेकेदार के माध्यम से ही कराया जाएगा। यदि चावल मिलों में धान नहीं जाता तो जहां गेहूं रखा गया था, उन्हीं फड़ों पर धान रखा जाएगा। क्योंकि कोरोना काल में अधिकांश गेहूं का उठान हो चुका है।
आढ़तियों की ये तीन मांगें
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अशोक गुप्ता के अनुसार आढ़तियों की 3 प्रमुख मांगें हैं। इनमें बारदाना सही मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। 18-19 फीसदी नमी वाली धान भी खरीदने की इजाजत दी जाए। 24 घंटे में मंडी से धान का उठान कराया जाए।
यदि आढ़ती खरीद नहीं करते तो सरकार 17% तक नमी वाली धान सीधे खरीदेगी। मंडियों में नया बारदाना उपलब्ध कराया जाएगा। अब 75% किसानों को स्टेट मुख्यालय व 25% को मार्केट कमेटी स्तर पर खरीद की शेड्यूलिंग होगी। -पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा
Wednesday, September 30, 2020
लौट के ....घर को आए....जींद जिले के धमतान गांव के छह मुस्लिम परिवारों ने अपनाया हिन्दू धर्म
लौट के ....घर को आए....जींद जिले के धमतान गांव के छह मुस्लिम परिवारों ने अपनाया हिन्दू धर्म
*गांव धमतान के सरपंच जयपाल ने बताया कि नजीर परिवार के 35 सदस्य हिन्दू धर्म में वापस लौटे हैं। वहीं मुस्लिम से हिंदू धर्म अपनाने वाले दिनेश ने बताया कि गांव के मिरासी बिरदारी से मुस्लिम परिवारों ने फैसला किया कि चूंकि वे हिंदू तौर तरीकों से अपना जीवन जीते आ रहे हैं इसलिए उन्हें खुद को हिंदू घोषित करना चाहिए*
*जींद जिले के नरवाना तहसील के गांव धमतान साहिब में छह मुस्लिम परिवार के 35 सदस्यों ने बुधवार को हिंदू धर्म अपनाया। बकायदा गांव के सरपंच व मौजिज लोगों की मौजूदगी में घर में हवन किया गया और उसमे आहुति डाली गई। जिसके बाद सभी सदस्यों ने जनेऊ धारण किया। पूर्व में गांव दनौदा कलां में भी छह मुस्लिम परिवारों के लगभग 35 सदस्यों ने गत 18 अप्रैल को हिंदू धर्म अपनाया था*
*मुस्लिम से हिंदू धर्म अपनाने वाले दिनेश ने बताया कि गांव के मिरासी बिरदारी से मुस्लिम परिवारों ने फैसला किया कि चूंकि वे हिंदू तौर तरीकों से अपना जीवन जीते आ रहे हैं इसलिए उन्हें खुद को हिंदू घोषित करना चाहिए। हालांकि वे हिन्दू देवी देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं, सभी हिन्दू धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। हिन्दू परिवारों के साथ भाईचारा है, केवल अंतिम संस्कार मुस्लिम धर्म के अनुसार करते रहे हैं*
*उसने अपने पूर्वजों से हिन्दू होने के बारे में सुना था। मुगल शासन के दौरान उनके पूर्वज मुस्लिम बन गए थे। लेकिन उन्होंने कभी रोजे नहीं रखे व मस्जिद में कलाम नहीं पढ़ी। हालांकि लोगों में यह भ्रम था कि हम मुस्लिम हैं। हिन्दू धर्म अपनाने वालों में नजीर परिवार के बलबीर, सद्दीक, दिनेश, राजेश, सतबीर तथा शिरफू परिवार के जंगा शामिल हैं*
*हिंदू तौर तरीके से जीते हैं जीवन*
*दिनेश ने बताया कि उन्होंने किसी के दबाव में हिन्दू धर्म को स्वीकार नहीं किया है। बल्कि स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को अपनाया है। मुगल शासनकाल से पहले उनके पूर्वज हिन्दू थे। अब वे हिन्दू तौर तरीकों से जीवन जीते आ रहे हैं। पहले उसके समाज के लोग शिक्षित नहीं थे, वे पुरानी चीजों को नहीं जानते थे। अब वे अपने मूल हिन्दू धर्म में लौट आए हैं। उनके छह परिवार के 35 सदस्यों ने हिन्दू धर्म को अपनाया है। साथ ही जनेऊ भी धारण किया है*
*गांव धमतान के सरपंच जयपाल ने बताया कि नजीर परिवार के 35 सदस्य हिन्दू धर्म में वापस लौटे हैं। नजीर परिवार ने गांव के बुजुर्गों व मौजिज व्यक्तियों के सामने हिन्दू धर्म में लौटने की बात की थी। वह उनका संवैधानिक अधिकार है, नजीर परिवार के लोगों ने हवन में आहुति डाल जनेऊ धारण किया है। गांव में सभी जातियों व धर्मो के लोग भाईचारे के साथ रह रहे हैं*
WHO ने फिर की पाकिस्तान की तारीफ, बताया कैसे किया कोरोना पर कंट्रोल
WHO ने फिर की पाकिस्तान की तारीफ, बताया कैसे किया कोरोना पर कंट्रोल
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से पाकिस्तान की कोरोना वायरस नियंत्रण को लेकर तारीफ की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम ने कोरोना के खिलाफ पाकिस्तान की रणनीति की सराहना की है. WHO चीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने ना सिर्फ कोरोना को फैलने से रोकने में सफलता पाई बल्कि महामारी के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को भी उबरने का मौका दिया.
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ब्रिटिश अखबार 'द इंडिपेंडेंट' में ओपिनियन पीस में टेड्रोस ने कहा, पाकिस्तान ने पिछले कई सालों में पोलियो के लिए जो इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया था, उसका इस्तेमाल कोविड-19 से लड़ने में किया.
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डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा, जिन सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को पोलियो के खिलाफ घर-घर जाकर वैक्सीन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था, उनको फिर से काम पर लगाया गया और कोविड-19 की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांसिंग के लिए इस्तेमाल किया गया. टेड्रोस ने कहा कि पाकिस्तान की इस रणनीति से वायरस पर काबू पा लिया गया जिससे अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आई.
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टेड्रोस ने कहा, वायरस पर नियंत्रण होने से पाकिस्तान में स्थिरता आई है और अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ रही है. उन्होंने कहा कि वायरस को कंट्रोल करने और अर्थव्यवस्था बचाने में से किसी एक को नहीं चुना जा सकता है, दोनों साथ-साथ होना चाहिए.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए थाईलैंड, इटली, उराग्वे और अन्य देशों के सामूहिक प्रयासों की भी सराहना की. टेड्रोस ने कहा, कई देशों ने हर स्तर पर प्रयास किए. सही इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हुए इन देशों ने महामारी के नियंत्रण से बाहर जाने से पहले रोकथाम के लिए कदम उठाए.
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मई महीने में भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने पाकिस्तान की तारीफ की थी. टेड्रोस ने कहा था कि पाकिस्तान उन देशों में से एक हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कोरोना महामारी से निपटने का तरीका सीखना चाहिए.
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पाकिस्तान में ही हुई एक स्टडी में कहा गया है कि अब पाकिस्तान में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने की संभावना कम ही है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ब्लड डिसीज, कराची की स्टडी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में भी प्रकाशित किया गया था. इस स्टडी में कहा गया था कि कराची के 36 फीसदी वर्कफोर्स में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हो चुकी है.
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पाकिस्तान में अभी तक कोरोना के 3 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं जिनमें से 2,96,340 लोग रिकवर हो चुके हैं और 6474 लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ही कोरोना वायरस महामारी को लेकर अपनी पीठ थपथपा चुके हैं. हालांकि, कई विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और ना ही लॉकडाउन लगाया गया, ऐसे में सरकार की किसी रणनीति की वजह से नहीं बल्कि अपने आप कोरोना पर कंट्रोल हो गया है. कई लोगों का ये भी कहना है कि पाकिस्तान में अधिकतर लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जिससे यहां कोरोना का ग्राफ नीचे आ रहा है.
हाथरसः 5 वीडियो जो बताते हैं खाल बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है यूपी पुलिस
हारसः 5 वीडियो जो बताते हैं खाल बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है यूपी पुलिसथ
हाथरस गैंगरेप घटना को लेकर देश में गुस्सा है और बीती रात जिस तरह यूपी पुलिस ने पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार किया ये गुस्सा बढ़ता जा रहा है. परिवार वालों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता का बीती देर रात को अंतिम संस्कार कर दिया गया. अलीगढ़ के अस्पताल में हालात बिगड़ने के बाद पीड़िता को दिल्ली लाया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया. पुलिस पर पहले केस को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था, लेकिन बीती रात परिवार की गैरमौजूदगी में जिस तरह पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया उससे यूपी पुलिस के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
देर रात को जब यूपी पुलिस हाथरस में पीड़िता के गांव में शव लेकर पहुंची, तो किस तरह पुलिस ने परिवारवालों को घर में बंद करके खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया इसकी सच्चाई सामने आ गई.
इंडिया टुडे की रिपोर्टर तनुश्री पांडे उस वक्त ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद रहीं और उनके कैमरे में ये पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हुआ. बीती रात को पीड़िता का शव हाथरस पहुंचने और जबरन अंतिम संस्कार होने तक वहां क्या हुआ, पूरे घटनाक्रम को समझिए.
बीती रात को दो बजे के करीब दिल्ली से पीड़िता का शव हाथरस पहुंचा. हाथरस के जिस गांव में शव पहुंचा, वहां पर एसपी, डीएम, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मौजूद रहे. शव के पहुंचने के बाद ही परिजनों और गांव वालों ने हंगामा किया. पुलिस की ओर से दबाव बनाया जाने लगा कि शव का अंतिम संस्कार देर रात को ही कर दिया जाए.
हालांकि, परिवार ने पुलिस से अपील करते हुए कहा कि युवती के शव को घर ले जाने दें, सारी प्रक्रिया का पालन करने दें. इस दौरान गांव वाले विरोध में एम्बुलेंस के सामने बैठ गए और पुलिस का विरोध करने लगे. गांव वालों को समझाने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला, इस दौरान वहां मौजूद एक अफसर ने कहा कि मैं राजस्थान से हूं और हमारे यहां देर तक शव नहीं रखते हैं. बाकी आप देख लीजिए. पुलिस की अपील पर पीड़िता की मां ने रोते हुए अपील की कि उन्हें बेटी के शव को घर ले जाने दें.
इतना ही नहीं एक अफसर ने परिजनों को समझाया कि कुछ गलतियां हुई है, ऐसे में वक्त के साथ रीति रिवाज बदलते हैं और तुरंत ही अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए. जिसपर परिवार ने बेटी के शव को घर ले जाने की अपील की. हालांकि, पुलिस ने परिवार की एक भी बात नहीं सुनी.
और पौने तीन बजे के करीब देर रात को ही पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान परिवार वालों को घर के अंदर बंद किया गया. पुलिस से जब पूछा गया कि आप क्या जला रहे हैं तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. और बाद में कहा कि अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अब पुलिस के इसी बर्ताव पर सवाल खड़े हो रहे हैं, स्थानीय पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार के दावे को गलत बताया है लेकिन कहानी कुछ और ही बयां करती हैं.
भारत ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, 400 किमी. तक दुश्मन होगा ढेर
भारत ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, 400 किमी. तक दुश्मन होगा ढेर
सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत ने बुधवार को नया इतिहास रचा है. भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो 400 किमी. तक दुश्मन को ढेर कर सकती है.
- सैन्य ताकत बढ़ाने पर भारत का जोर
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण
- 400 किमी. तक है मारक क्षमता
चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी शक्तियों को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में बुधवार को देश को एक बड़ी कामयाबी मिली है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. ये इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण था, जिसकी रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई है.
DRDO के मुताबिक, इस टेस्ट को संस्था के PJ-10 प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है. बुधवार को इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया. जो भारत की सैन्य शक्ति में और अधिक मजबूती देने वाला प्रयोग है. इस मिसाइल में इस्तेमाल किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है.
ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को भारत के DRDO और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है. जो कि वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर DRDO को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है.
बता दें कि ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है. 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था. अब भविष्य में सभी वॉर शिप में नए अपग्रेडशन की सुविधा के साथ इसे शामिल किया जाएगा.
इससे पहले भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, यानी अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. लद्दाख में चीन के साथ पिछले कुछ महीनों से जिस तरह की तनाव की स्थिति है, ऐसे वक्त में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को सकते में डाल सकता है. भारत लगातार देसी और विदेशी हथियारों से सेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है.
- चीन को मिलेगा करारा जवाब, बॉर्डर पर भारत की सबसे खतरनाक निर्भय मिसाइल तैनात
- पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से में भारतीय सेना से चीन परेशान, बैठक में उठाई पीछे हटने की मांग
हाथरस गैंगरेप कांडः पढ़ें- परिवार की आपबीती और पुलिस की कहानी
हाथरस गैंगरेप कांडः पढ़ें- परिवार की आपबीती और पुलिस की कहानी
पीड़िता के भाई ने ये भी कहा कि 10-15 दिन तक दीदी की ब्लीडिंग नहीं रुकी, 22 सितंबर के बाद उन्हें सही इलाज मिलना शुरू हुआ था. उससे पहले ठीक इलाज भी नहीं दिया गया, उन्हें सामान्य वार्ड में रखा गया.
यूपी के हाथरस में एक बेटी के साथ जो व्यवहार कुछ वहशियों ने किया उसके खिलाफ पूरे देश में गुस्सा दिखाई दे रहा है. दूसरी तरफ इस मामले में यूपी पुलिस के रवैये की भी हर तरफ आलोचना हो रही है. पीड़िता का परिवार गंभीर इल्जाम लगा रहा है जबकि पुलिस अपने अलग दावे कर रही है.
पीड़िता के भाई ने क्या कहा
हाथरस की निर्भया के भाई ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने दीदी के लिए एंबुलेंस तक नहीं मंगाई थी, बहन जमीन पर पड़ी हुई थी, पुलिस ने कह दिया कि यहां से ले जाओ, ये बहाने बनाकर लेटी हुई है. पीड़िता के भाई ने ये भी आरोप लगाया कि इस मामले में हमें एफआईआर दर्ज कराने के लिए 8-10 दिन का इंतजार करना पड़ा. दूसरी तरफ रिपोर्ट होने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी. जब धरना प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने कार्रवाई की और 10-12 दिन बाद आरोपियों को पकड़ा गया.
पीड़िता के भाई ने ये भी कहा कि 10-15 दिन तक दीदी की ब्लीडिंग नहीं रुकी, 22 सितंबर के बाद उन्हें सही इलाज मिलना शुरू हुआ था. उससे पहले ठीक इलाज भी नहीं दिया गया, उन्हें सामान्य वार्ड में रखा गया.
पीड़िता की मां ने क्या कहा
पीड़िता की मां ने बताया, ''जब मैंने अपनी बेटी को देखा तो उसके शरीर से खून बह रहा था. मैंने अपने दुपट्टे से उसे ढका. बेटी की जीभ कटी हुई थी. पुलिस झूठ बोल रही है कि जीभ नहीं काटी गई थी. बेटी ने अपने भाइयों के कानों में एक आरोपी का नाम लिया और वह बेहोश हो गई. हमने सोचा कि गांव के लड़के ने उसकी पिटाई की.
बता दें कि हाथरस जिले के चंदपा थानाक्षेत्र में 14 सितंबर की सुबह 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप की इस घटना को अंजाम दिया. घटना के कई दिन बाद लड़की होश में आई थी. 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की ने दम तोड़ दिया.
क्या है पुलिस का दावा
पुलिस की सबसे बड़ी और अलग थ्योरी तो यही है कि दुष्कर्म का कोई तथ्य सामने नहीं आया है. आईजी पियूष मोडिया ने कहा है कि मेडिकल एग्जामिनेशन के दौरान दुष्कर्म का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया.
दूसरी तरफ यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि 14 सितंबर को यह घटना घटी और लड़की के भाई ने जो तहरीर दी थी उसके आधार पर पहली एफआईआर दर्ज की गई. जिस संदीप कुमार का नाम एफआईआर में है उसे तुरंत गिरफ्तार किया गया. हालांकि उस शिकायत में रेप का जिक्र नहीं था लेकिन 22 तारीख को पहली बार लड़की ने सेक्सुअल असॉल्ट का जिक्र किया, उसके बाद इस मामले में गैंगरेप की धारा लगाई गई और सभी चार आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए.
प्रशांत कुमार ने बताया कि जल्द से जल्द विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के बाद सजा भी दिलवाई जाएगी. यह दुखद घटना घटी है लेकिन जैसे-जैसे इस मामले में लड़की के आरोप आते गए हम लोगों ने वैसे वैसे कार्रवाई की है.
एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि पहले गला दबाकर मारने की कोशिश की एफआईआर थी, बाद में उसमें धारा 307 लगाई गई. सेक्सुअल असॉल्ट का मामला आया तो फिर गैंगरेप की धारा लगाई गई. उन्होंने बताया कि अब लड़की की दुखद मौत हो चुकी है तो अब चारों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 भी लग गई है.
प्रशांत कुमार ने पुलिस कार्रवाई पर उठ रहे सवालों पर कहा कि इसमें पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही नहीं है. वहीं, हाथरस पुलिस ने बाकायदा ट्वीट कर ये बताया कि पीड़िता की जीभ नहीं काटी गई थी, जबकि परिवारवाले इसे पुलिस का झूठ करार दे रहे हैं.
गौरतलब है कि घटना के बाद पीड़िता की गुहार सुनने में लापरवाही का आरोप तो परिवार ने लगाया है लेकिन 29 सितंबर को पूरे देश ने पुलिस की नीयत को भी देखा. दिल्ली में मौत के बाद जब पीड़िता का शव हाथरस उसके गांव ले जाया तो पुलिस ने परिवार की अनुपस्थिति में ही रातों-रात अंतिम संस्कार करा दिया. पुलिस के इस रवैये पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि उन्हें घर में बंद कर दिया गया था, पुलिस डेडबॉडी ले गई और उन्होंने नहीं देखा कि यह किसकी बॉडी है. साथ ही चश्मदीदों का कहना है कि पुलिस ने परिवारवालों को अंदर बंद कर दिया और बाद में बाहर पुलिस खड़ी हो गई और पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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