कुपोषण से जंग:पोषण माह में 2.48 करोड़ रजिस्ट्रेशन के साथ देश में 10वें नंबर पर पहुंचा हरियाणा, प्रदेश में रोहतक पहले और भिवानी दूसरे स्थान पर
- सरकार ने सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया, ताकि बच्चे व गर्भवतियां रहें स्वस्थ
(ज्योति अरोड़) देशभर में सितंबर को पोषण माह के रूप मनाया जा रहा है, ताकि बच्चों में कुपोषण, गर्भवतियों व किशोरियों में खून की कमी को दूर किया जा सके। जन आंदोलन पोर्टल पर हरियाणा 10वें स्थान पर है, जबकि पहले नंबर पर तमिलनाडु, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र तो तीसरे स्थान पर यूपी है। हरियाणा में अब तक कुल 2,48,26,586 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। हिसार नौवें से 11वें स्थान पर आ गया है। वहीं, रोहतक प्रथम व भिवानी दूसरा स्थान पर है। रोहतक, भिवानी व सोनीपत को पछाड़कर तीसरे से पहले स्थान पर आया।
आंगनबाड़ियों में किचन गार्डनिंग
आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू की किचन गार्डनिंग स्कीम से घरों व आंगनबाड़ी में हरी पत्तेदार सब्जियां व फल उगाए जा रहे हैं। जिससे बच्चों को स्वच्छ व पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा सके। इसके साथ-साथ इस माह में गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया व इसे होने वाली कमियों के बारे में बताया जा रहा है।
आंगनबाड़ी वर्करों की हो रही स्पर्धा
कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का वजन व लंबाई ली जा रही है। इसके साथ ही पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर नई रैसिपी इजाद की जा रही है। जिसके लिए आंगनबाड़ी वर्करों की प्रतियोगिता भी करवाई जा रही है।
अब महिलाएं भी ले रही बढ़चढ़ कर भाग
पिछले कुछ समय में इस अभियान से बदलाव देखने को मिला है। बेटी के जन्म पर कुंआ पूजन धूमधाम से किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं की गोदभराई के वक्त उन्हें पोष्टिक आहार दिया जा रहा है। अब महिलाएं बेटा बेटी एक समान व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ ले रही हैं।
कुरुक्षेत्र, जींद और मेवात येलो में, हिसार, पानीपत व झज्जर ब्लू जोन में
एक्टीविटी के मामले में जहां जींद, कुरुक्षेत्र व मेवात येलो जोन में है, वहीं अब हिसार ब्लू जोन में है। पानीपत व झज्जर के आंकड़ों में भी गिरावट के चलते जिले दो हफ्ते में ग्रीन से ब्लू जोन में आ गए है। इसमें सबसे अच्छे आंकड़ों वाले जिले ग्रीन जोन में है तो एवरेज वाले ब्लू जोन में। वही येलो जोन में एवरेज से कम वाले जिले हैं।
हिसार में बढ़ाई जाएगी एक्टिविटी
कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं की मीटिंग ली जाएगी और 0 से 6 माह के बच्चों के लिए स्तनपान को बढ़ावा दिया जाएगा। कोरोना के चलते अधिक गैदरिंग नहीं की जा रही जिससे एक्टिविटी भी कम हो गई है। परंतु अब फिर से एक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा। -कमलेश मखीजा, सीडीपीओ, हिसार।
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