दलित बेटी से दरिंदगी:सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन, परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इनकार किया, अखिलेश यादव बोले- असंवेदनशील सत्ता से कोई उम्मीद नहीं
गैंगरेप पीड़ित की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद प्रदर्शन हुए। भीम आर्मी, कांग्रेस और दलित संगठन अस्पताल में पीड़ित की मौत का विरोध जताया। परिवार ने बॉडी को घर ले जाने से इनकार कर दिया है। उसके भाई ने भास्कर से कहा, जब तक दरिंदों को फांसी की गारंटी हमें नहीं मिलेगी, हम शव को लेकर नहीं जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को गैंगरेप का शिकार हुई 20 वर्षीय दलित युवती की बीती रात करीब तीन बजे सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। उसे सोमवार को ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज से दिल्ली इलाज के लिए लाया गया था।
‘रात दो बजे तक ठीक थी’
पीड़ित के रिश्ते का एक अन्य भाई भी अस्पताल में मौजूद था। उसने बताया कि कल वो अलीगढ़ से दिल्ली लाए जाते वक्त ठीक हालत में थी। रात 2 बजे तक भी ठीक थी। डॉक्टरों ने दो बजे के बाद हमें बताया कि उसकी दिल की धड़कन कमजोर हो रही है, फिर 3 बजे कहा कि वो नहीं रही। जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा, हम खामोश नहीं बैठेंगे। ये दुनिया उसके लायक नहीं थी।
पीड़ित की मौत के बाद राजनीति
इसी बीच रेप पीड़ित की मौत के बाद राजनीति भी तेज हो गई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किए।
गांव में पुलिस, घर में डर का माहौल
वहीं गांव में पीड़ित के घर गम का माहौल है। घर में मौजूद भाई ने फोन पर बताया कि बॉडी को अस्पताल से नहीं लाया गया है। परिवार बेहद डरा हुआ है। पीड़िता के बड़े भाई ने कहा, ‘मां रोते-रोते ये कहते हुए बेहोश हो गई कि दरिंदों को फांसी हो। इससे कम कुछ नहीं। बसपा के कुछ नेता मिलने आए थे। अभी पुलिस तैनात है तो हमें डर नहीं लग रहा, लेकिन पुलिस भी कब तक तैनात रहेगी।’
छोटे भाई ने कहा कि अब हम गांव में नहीं रह पाएंगे। जैसे ही दूसरी जगह का इंतजाम हो जाएगा, चले जाएंगे।
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